मुन्किरीन हदीस का वुजूद ही हदीस-ए-रसूल ﷺ की दलील है | Munkireen Hadith ka Wujood He Hujjiyat ki Daleel Hai
بسم الله والحمد لله والصلاة والسلام على رسول الله
आम तौर पर देखा गया है कि अगर कोई गिरोह हदीस का इन्कार करता है तो बाज़ लोग इस इन्कार को हदीस की तन्क़ीस (ऐब निकालना) समझते हैं और हदीस के बारे में कशमकश में पड़ जाते हैं.
अल्लाह गवाह है कि जब कोई गिरोह इन्कार हदीस करता है तो हमारे नज़दीक हदीस की अज़्मत और बढ़ जाती है और इस बारे में ईमान पहले से ज़्यादा पुख़्ता हो जाता है.
क्यों?
इसलिए कि सदियों पहले, सच्चों के सच्चे, हमारे प्यारे नबी करीम ﷺ ने इसकी पेशेनगोई फ़रमाई थी और हमारा इस पर ईमान है कि ऐसा हो कर रहना है, बल्कि हो भी चुका है.
चुनांचे आप ﷺ ने फ़रमाया:
يُوشِكُ الرَّجُلُ مُتَّكِئًا عَلَى أَرِيكَتِهِ يُحَدَّثُ بِحَدِيثٍ مِنْ حَدِيثِي فَيَقُولُ: بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمْ كِتَابُ اللَّهِ عَزَّ وَجَلَّ، فَمَا وَجَدْنَا فِيهِ مِنْ حَلَالٍ اسْتَحْلَلْنَاهُ، وَمَا وَجَدْنَا فِيهِ مِنْ حَرَامٍ حَرَّمْنَاهُ، أَلَا وَإِنَّ مَا حَرَّمَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ مِثْلُ مَا حَرَّمَ اللَّهُ
’’जल्दी ही (ऐसा वक़्त आने वाला है कि) आदमी अपने तख़्त पर टेक लगाए बैठा होगा. उसे मेरी कोई हदीस सुनाई जाएगी तो वह कहेगा हमारे और तुम्हारे दरमियान अल्लाह अज़्ज़-व-जल्ल की किताब है. हमें इसमें जो चीज़ हलाल मिलेगी, उसे हलाल समझेंगे और जो चीज़ इसमें हराम मिलेगी उसे हराम जानेंगे. आगाह रहो! जो कुछ अल्लाह के रसूल ﷺ ने हराम फ़रमाया, वो इसी तरह हराम है जिस तरह अल्लाह ने हराम कर दिया है.’
(सुनन तिर्मिज़ी ह० 2664, सुनन इब्ने माजा ह० 12)
तहरीर: फ़ज़ीलतुश-शैख़ हाफ़िज़ नदीम ज़हीर हफ़िज़हुल्लाह
जज़ाकल्लाह ख़ैर.